★ ट्रेड परिचय एव सुरक्षा सावधानियां(Trade Introduction and Safety precautions)★ महत्वपूर्ण टॉपिक पहला क्लास


Hello friends,
आज के इस post में बताएंगे Safety(सुरक्षा) चैप्टर के बारे में।
जो कि ITI के सभी ट्रेड के लिए महत्वपूर्ण चैप्टर है, साथ ही साथ यह चैप्टर आधनुक जीवन में बहुत उपयोगी हैं।
तो चलिए आज की post  की शुरुआत करते हैं।

Friends यहाँ से आप नोट्स भी बना सकते हैं।
                  पाठ(Lesson):-01
 ★ ट्रेड परिचय एव सुरक्षा सावधानियां
(Trade Introduction and Safety precautions)★
★सुरक्षा क्या है।(what is safety.)
:- कोई भी काम जब किया जाता हैं, और उनसे होने वाले दुर्घटना से बचने के लिए जो उपाय या व्यवस्था करते हैं, उसे सुरक्षा कहते हैं।
★सुरक्षा के प्रकार(Types of safety)★
● स्वयं की सुरक्षा ( Self Safety)
मशीनों की सुरक्षा ( Safety of Machines)
 कार्यशाला की सुुरक्षा (Safety of Workshop)

 स्वयं की सुरक्षा या खुद की सुुरक्षा ( Self Safety):-   किसी भी कार्य को करने से पहले उनसेे होने वाले दुर्घटना से बचने के लिए जो  हम अपनी सुरक्षा करते हैं उसे ही, स्वयं की सुुरक्षा या खुद की सुुरक्षा(Self Safety) कहते हैं। 
★ मशीनों की सुरक्षा( Safety of Machines):-
 कार्यशाला में हमें अपनी सुरक्षा करने के साथ-साथ  जहां तक संभव हो सके  हमें  अपने मशीनों की सुरक्षा एवं मशीन पर उपयोग होने वाले  औजारों  एवं  बहुत से सूक्ष्म मापी यंत्र होते हैं  उनका भी  सुरक्षा  करना चाहिए  और यही सुरक्षा  मशीनों की सुरक्षा  ( Safety of Machines)   कहलाता है।
★ कार्यशाला की सुुरक्षा (Safety of Workshop):-  हमें अपनी सुरक्षा एवं मशीनोंं की सुरक्षा करने के साथ साथ जहा पे काम करते हैं उस कार्यशाला की सुरक्षा करनी चाहिए और यह सुरक्षा कार्यशाला की सुरक्षा (Safety of Workshop)  कहलाता है।



■ ये जो भी हम सुरक्षा के बारे में पढ़े बहुत ही महत्वपूर्ण हैं।

◆  स्वयं की सुरक्षा या खुद की सुुरक्षा ( Self Safety) महत्वपूर्ण नियम इसको पालन करना अनिवार्य है।
* कार्यशाला में सदैव बूट पहन कर चलना चाहिए ,क्योंकि मशीनों से निकले लोहे के चिप्स पैर में लगने पर घाव होने का भय रहता है।
* कार्यशाला में कभी भी ढीले कपड़े टाई , मफलर इत्यादि पहनकर कार्य न करे । क्योंकि चलती मशीनों पर दुर्घटना होने का सदैव भय रहता हैं।
* मशीनों पर कार्य करते समय किसी दूसरे कारगिर के साथ बातचीत ना करें अपना ध्यान अपने कार्य में लगाए मन लगाकर कार्य करने वाला कारगिर ही अच्छा कार्य कर सकता है और ऐसे करने से दुर्घटना होने का भय भी कम रहता है।
* किसी भी मशीन से निकलने वाले लोहे की चिप्स हाथ से ना खींचे ,क्योंकि चिप्स की तेज धार हाथ को काट सकती है।
* मशीन के क्रियाशील अवस्था में कभी भी मरम्मत नहीं करनी चाहिए।
* अधिक भारी सामानों को ध्यान पूर्वक उठाना चाहिए लापरवाही के कारण मोच आने या अन्य दुर्घटना होने की संभावना रहती है।

◆ मशीनों की सुरक्षा( Safety of Machines) के महत्वपूर्ण  नियम इसको पालन करना अनिवार्य है।
* सभी सुक्ष्ममापी यंत्र को समय-समय पर तेल लगाकर रखें विशेष रूप से बरसात के मौसम में इनकी देखभाल अवश्य करें क्योंकि एक बार जंग लगने पर उसकी  सूक्ष्मता समाप्त हो जाती हैं।
* जब भी सुक्ष्ममापी यंत्र का प्रयोग आप करते हैं करने के बाद उसे सुरक्षित स्थान पर रखें उसे कटिंग टूल के पास न रखें।
* मशीन की क्रियाशील स्थिति में होने पर किसी भी यंत्र का प्रयोग ना करें।
*  मशीन की टेबल पर हैमरिंग ना करें इससे टेबल पर स्पॉट पड़ जाते हैं जिससे सतह की यथार्थता (accuracy) समाप्त हो जाती हैं।
◆ कार्यशाला की सुुरक्षा (Safety of Workshop) के महत्वपूर्ण  नियम इसको पालन करना अनिवार्य है।
कार्यशाला की  जो भी सतह हैं यदी उसपे ग्रीस या तेल गिरा हो उसे साफ कर देंना चाहिए,नही तो जब उसपे पैर पड़ेगाा उस समय दुर्घटना होनेे की संभावना बढ़ जाती है।
*  कार्यशाला में कभी भी दौड़ कर नहीं चलना चाहिए नहीं तो इससे दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है।
*  कार्यशाला में जो बिजली के तार होते हैं उन्हें हमेशा सुरक्षित रखना चाहिए नहीं तो उससे भी दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है।
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【जब यह चैप्टर्स समाप्त होगा तब आपको इस से रिलेटेड  महत्वपूर्ण वस्तुनिष्ठ प्रश्न प्रेस्टिक करने के लिए इस वेबसाइट पर उपलब्ध कराया जाएगा जो कि बहुत ही इंपॉर्टेंट होगा।】

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